यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 13
वृन्दावन की यात्रा
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हम चौरासी खम्भौ का इतिहास सुनकर अचम्भित होगये। हमने भी उध खम्भौ को गिनती करने की दो तीन बार कोशिश की परन्तु हरबार गिनती अलग अलग ही आती थी जबकि हमने कोई निशान लगाकर गिनती की थी।।
हम इसी चक्कर में बहुत देर तक फसे रहे लेकिन सही गिनती करने में कामयाब नही हो सके।
इसबीच हमने वहाँ पर पूजा का भी नाम लिखवा दिया क्यौकि वहाँ पूजा लाइन से होती है जो ग्रुप हमसे पहले आया है उसकी पूजा पहले ही होगी।
इसके बाद हम वहाँ इधर उधर घूमकर प्रकृति का नजारा देखते रहे वहाँ पर बहुत तरह के पंछी भी थे। यमुना नदी वहाँ से कुछ ही दूरी पर थी।
अब हमारी पूजा का नम्बर आचुका था । हमनेअपनी पूजा करवाई। वहाँ के पंडे लोगौ को बुरी तरह ठगते है पूजा में आधा घंटा के लगभग समय लगा होगा।
इसके बाद हम यमुना के किनारे भी गये वहाँ पर लोग मछलियौ को दाना खिला रहे थे। छोटी छोटी मछलियाँ घूम रही थी।
हमने भी वहाँ से गरीदकर मछलियौ को दाना डाला। इसके बाद हम वहाँ पर कुछ दर्शनीय स्थान भी देखे। इसके पश्चात हम वृन्दावन की तरफ वापिस हो लिए। वृन्दावन पहुचकर एक होटल में खाना खाया और गाडी़ को एक पार्किग में लगाया।
तब तक विहारी जी के मन्दिर के खुलने का समय हैचुका था। इसलिए हम सबसे पहले बिहारी जी के दर्शध हेतु गये परन्तु वहाँ भीड़ देखकर पिछले दो वर्ष पहले की याद आगयी ।
यह 2019 की पहली जनवरी की बात है तब भी यहाँ भीड़ का इससे बुरा हाल था। तब हमें वहाँ रहने वाले ने समझाया कि आप जो प्रसाद यहाँ चढा।ने लाये हो उसे आप बिहारी जी तक कैसे भी नहीं चढा़ सकते हो। इस भीड में छोटे बच्चौ के साथ कुछ भी होगया तब आप किसको शिकायत करैगे। इससे अच्छा यह प्रसाद अपने घर के मन्दिर में चढा़कर खाओ वह ठीक रहेगा।
उस वर्ष हम बिना दर्शन के ही वापिस आगये थे।
आगे का वर्णन अगले भाग में
यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी "
Radhika
05-Mar-2023 08:24 PM
Nice
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shweta soni
03-Mar-2023 10:16 PM
Nice
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अदिति झा
03-Mar-2023 02:34 PM
Nice 👍🏼
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